बुध प्रदोष व्रत 2025
सावन के महीने में 6 अगस्त को बुध प्रदोष व्रत 2025 पड़ रहा है। जैसे की नाम से ही जान पड़ता है की इस दिन व्रत-पूजा अर्चना करने से जन्म कुंडली में जनित बुध ग्रह से सम्बंधित दोष और अशुभता दूर होती है, कुंडली में बुध ग्रह की स्तिथि मजबूत होती है। कारोबार में लाभ, करियर में उनत्ति-तरक्की और धन लाभ होता है।
बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है, इस दिन व्रत-पूजा करने से बुध ग्रह शुभ होने के साथ जीवन में सुख, समृद्धि, और सौभाग्य आता है। साथ ही जीवन की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। अगर किसी युवक-युवती का विवाह नहीं हो पा रहा हो, किसी को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, तब भी बुध प्रदोष व्रत-पूजा करने से उनके कष्ट दूर होकर विवाह संपन्न होता है, संतान की प्राप्ति होती है।
आइये अब दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से बुध प्रदोष व्रत की पूरी जानकारी, तिथि, पूजन विधि, सामग्री आदि के बारे में विस्तार से तालिका से जानते है। इस तालिका से आपको समझने में बहुत आसानी होगी।
बुध प्रदोष व्रत की पूजा विधि तालिका
क्रम | पूजा विधि विवरण |
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1 | सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें |
2 | दिनभर व्रत (फलाहार या निर्जला) रखें |
3 | संध्या के समय भगवान शिव का अभिषेक करें |
4 | दीप जलाकर बिल्व पत्र, जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल से शिवलिंग पर पूजन करें |
5 | “ॐ नमः शिवाय” का जप करें |
6 | प्रदोष व्रत कथा का श्रवण करें |
7 | आरती कर प्रसाद वितरण करें |
8 | ब्राह्मण या जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा दें |
पूजा सामग्री सूची तालिका
सामग्री का नाम | उपयोग |
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जल / गंगाजल | स्नान व अभिषेक हेतु |
बिल्व पत्र | शिव पूजन में अति प्रिय |
अक्षत (चावल) | पूजन में |
पुष्प / माला | शिव को अर्पण हेतु |
दूध, दही, शहद, घी | पंचामृत बनाने हेतु |
दीपक व कपूर | आरती के लिए |
धूपबत्ती / अगरबत्ती | सुगंधित वातावरण हेतु |
फल व मिठाई | प्रसाद हेतु |
शिवलिंग (यदि संभव हो) | घर पर पूजन हेतु |