मंगला गौरी व्रत 2025
मंगला गौरी व्रत 2025 विवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाता है, इस व्रत में सुहागनों द्वारा माता पार्वती की पूजा की जाती है। मंगला गौरी व्रत पति की लंबी उम्र, खुशहाल वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है। सावन के पुरे महीने में आने वाले हर मंगलवार को रखा जाता है।
जो व्यक्ति कुंडली में जनित मंगल दोष से पीड़ित है, मांगलिक है, वह भी इस व्रत को रखकर अपने मंगल दोष को कम या ख़त्म कर सकते है।
इस साल 2025 में सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू है, इस दौरान 5 मंगलवार आ रहे है, इसलिए सावन के महीने में 5 मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे। आइये मंगला गौरी व्रत 2025 के बारे में तालिका अनुसार बहुत ही सरल तरीके से महत्व, उदेश्य, पूजन विधि और सामग्री की पूरी जानकारी प्राप्त करते है।
व्रत विवरण | जानकारी |
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व्रत का नाम | मंगला गौरी व्रत |
व्रत तिथि | 2025 में मंगला गौरी व्रत 29 जुलाई से 2 सितंबर तक रहेगा। |
व्रत का महत्व | मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा संतान सुख, पति की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए किया जाता है। |
व्रत का उद्देश्य | संतान सुख, पति की लंबी उम्र, समृद्धि और घर में सुख-शांति प्राप्त करना। |
व्रत प्रारंभ तिथि | 29 जुलाई 2025, मंगलवार |
व्रत समाप्ति तिथि | 2 सितंबर 2025, बुधवार |
व्रत का दिन | हर मंगलवार (अगस्त से सितंबर तक) |
व्रत की पूजा विधि | मंगला गौरी व्रत में गौरी माता की पूजा, विशेष रूप से चंद्रमा व शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही, व्रति 16 शुक्रवारों तक उपवासी रहती हैं। |
पुजा सामग्री | जल, फूल, नैवेद्य (फल, मिठाई), घी, दीपक, साबुत चने, पीतल का बर्तन, चंदन। |
व्रत कथा | मंगला गौरी व्रत की कथा में यह बताया गया है कि मंगला देवी की पूजा करने से संतान सुख और व्रति की इच्छा पूरी होती है। |
व्रत के लाभ | संतान सुख, वैवाहिक सुख, धन, यश और सुख-शांति की प्राप्ति। |
व्रति के द्वारा किया गया अनुष्ठान | मंगला गौरी व्रति हर मंगलवार को उपवासी रहकर विशेष पूजा करती हैं और व्रत कथा का श्रवण करती हैं। |
व्रति के नियम | 1. मंगला गौरी व्रत में उपवासी रहना होता है।2. केवल सात्विक आहार ही लिया जाता है।3. शुद्धता और ध्यानपूर्वक पूजा करना आवश्यक है। |
विशेष संकेत | मंगला गौरी व्रत को विशेष रूप से महिलाएँ संतान सुख और वैवाहिक जीवन में सुख पाने के लिए करती हैं। |